जो भी है मन में..हाँ जो भी है मन में कह दो..
is kadvahat se jitni door rah saken usi me bhalai hai .बहुत सुन्दर भावनात्मक प्रस्तुति बद्दुवायें ये हैं उस माँ की खोयी है जिसने दामिनी , आप भी जानें हमारे संविधान के अनुसार कैग [विनोद राय] मुख्य निर्वाचन आयुक्त [टी.एन.शेषन] नहीं हो सकते
बहुत सुंदर क्या बात हैं :)
कडवाहट न हो तो मिठास का अहसास कैसे होगा, यही जीवन है ... बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति... शुभकामनायें
मेरे ब्लॉग पर आ कर अपना बहुमूल्य समय देने का बहुत बहुत धन्यवाद ..
is kadvahat se jitni door rah saken usi me bhalai hai .
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भावनात्मक प्रस्तुति बद्दुवायें ये हैं उस माँ की खोयी है जिसने दामिनी , आप भी जानें हमारे संविधान के अनुसार कैग [विनोद राय] मुख्य निर्वाचन आयुक्त [टी.एन.शेषन] नहीं हो सकते
बहुत सुंदर क्या बात हैं :)
जवाब देंहटाएंकडवाहट न हो तो मिठास का अहसास कैसे होगा, यही जीवन है ... बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति... शुभकामनायें
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